DAV स्कूल की प्राचार्या पर अनियमितता के आरोप.. जांच की मांग पर अड़े स्थानीय.. जनप्रतिनिधियों और कर्मचारियों में आक्रोश..

डेस्क– गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के कुड़कई ग्राम में स्थित DAV स्कूल विवादों के घेरे में है, स्कूल की प्राचार्या पर भ्रष्टाचार, भेदभावपूर्ण व्यवहार और मनमानी जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं..जनप्रतिनिधियों, अभिभावकों और एक पूर्व कर्मचारी ने प्राचार्या की कार्यप्रणाली को लेकर गहरी नाराजगी जताई है.. स्थानीयों का आरोप है कि, अतिथि शिक्षक पलक पांडे ने लिखित शिकायत में आरोप लगाया है कि, प्राचार्या हर महीने ₹4000 उनके वेतन से अपनी बेटी के फोन पे नंबर पर ट्रांसफर करवाती थीं, यह सिलसिला पूरे 6 महीने तक चलता रहा.. स्कूल में 10 वर्षों से कार्यरत सुरक्षा गार्ड को अचानक बर्खास्त कर दिया गया, बिना कोई कारण बताए, इससे उसका परिवार आर्थिक संकट में आ गया है..
जांच प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव का आरोप स्थानीय लोगों ने लगाया है, और कहा है कि, शिकायत के बाद गठित जांच समिति ने आज तक रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की, न जांच बिंदु बताए गए, न निर्णय..
स्थानीय लोगों का आरोप है कि, छात्रों और शिक्षकों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार, मनमानी निर्णय, और प्रशासनिक अनियमितताएं की जाती ही है..
स्कूल की अतिथि शिक्षिका पलक पांडे ने लिखित शिकायत में आरोप बताया कि उन्हें प्राचार्या द्वारा हर महीने ₹4000 उनकी बेटी के *PhonePe* अकाउंट में भेजने को कहा जाता था। यह ‘गलती’ मात्र एक-दो बार नहीं, बल्कि लगातार छह महीने तक हुई, जनप्रतिनिधियों का कहना है कि यदि यह कोई ‘त्रुटि’ थी तो यह लंबे समय तक क्यों दोहराई गई?
कुड़कई, सेवरा और अडभार पंचायतों के जनप्रतिनिधियों ने मिलकर DAV स्कूल की प्राचार्या के खिलाफ शिकायत की थी, उनका कहना है कि:
* छात्रों के साथ भेदभाव हो रहा है।
* प्रबंधन में पारदर्शिता का पूर्णतः अभाव है।
* RTE के बच्चों पर शिक्षकों द्वारा स्कूल छोड़ने मानसिक दबाव डाला जाता है।
* RTE वाले छात्रों पिछले दो वर्ष को छोड़ किसी भी वर्ष शासन से मिलने वाला गणवेश व अन्य सामग्री हेतु कोई मदद नहीं की गई वो पैसे कहां गए।
* आए दिन कुछ न कुछ विषयों को लेकर छोटे छोटे फीस वसूले जाते है
* RTE पोर्टल पर उपलब्ध बच्चों की संख्या व स्कूल में पढ़ने वालों की संख्या में अनियमितता कैसे?
जनप्रतिनिधियों का आरोप है कि प्राचार्या शिक्षा के मंदिर को “निजी दुकान” की तरह चला रही हैं, पूरे प्रकरण पर शिक्षा विभाग की चुप्पी ने स्थानीय नागरिकों में आक्रोश और अविश्वास पैदा कर दिया है.. लोगों का कहना है कि विभाग की निष्क्रियता और जांच की गोपनीयता से लगता है कि आरोपों को जानबूझकर अनदेखा किया जा रहा है..
स्थानीय लोगों का कहना है कि, अगर शिक्षा विभाग निष्पक्ष होता, तो जांच रिपोर्ट अब तक आ जानी चाहिए थी प्राचार्या के खिलाफ बढ़ती नाराजगी, स्कूल की साख दांव पर कुड़कई DAV स्कूल का नाम एक समय शिक्षा के उत्कृष्ट केंद्र के रूप में जाना जाता था, लेकिन आज यह स्कूल भ्रष्टाचार, मनमानी और प्रशासनिक अराजकता का प्रतीक बनता जा रहा है। यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो इससे न केवल स्कूल की प्रतिष्ठा को गहरा धक्का लगेगा, बल्कि छात्र-छात्राओं के भविष्य पर भी गंभीर प्रभाव पड़ सकता है..