स्वतंत्र अवाज विशेष
अपोलो और उसके 4 डॉक्टरों के लाइसेंस सस्पेंड करने प्रधानमंत्री कार्यालय, मुख्यमंत्री कार्यालय और मेडिकल काउंसिल में शिकायत..
बिलासपुर– संभाग के सबसे बड़े अस्पताल अपोलो और उसके डॉक्टरों के लाइसेंस को निलंबित करने की मांग को लेकर मृतक गोल्डी छाबड़ा के परिवार ने प्रधानमंत्री कार्यालय, मुख्यमंत्री कार्यालय, मेडीकल कौंसिल समेत दर्जनभर जगहों पर शिकायत की है..
बीते 7 सालो से न्याय के लिए संघर्ष कर रहे मृतक गोल्डी छाबड़ा के परिजनों ने अपोलो प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग करते हुए अपोलो हॉस्पिटल और उसके 4 डॉक्टरों डॉ. देवेंदर सिंह, डॉ. सुनील केडिया, डॉ. राजीव लोचन भांजा और डॉ. मनोज राय के मेडिकल प्रेक्टिस लाइसेंस निलंबित करने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय, मुख्यमंत्री कार्यालय, मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया, मेडिकल काउंसिल ऑफ छत्तीसगढ़ समेत दर्जनभर जगहों पर शिकायत की है.. मृतक गोल्डी छाबड़ा के परिजनों ने अलग अलग जिम्मेदारों को 14 पन्नों के आवेदन के साथ 211 पन्नों शिकायत पत्र सौंपा है, और मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है..
गोल्डी छाबड़ा को सामान्य पेट दर्द की शिकायत पर 2016 में अपोलो अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था, इलाज के दौरान गोल्डी छाबड़ा की मृत्यु हो गई थी, डॉक्टरों की गम्भीर लापरवाही से हुई गोल्डी की मौत की शिकायत को लेकर उसका परिवार न्याय के लिए भटक रहा था, इस दौरान परिजनों ने सरकंडा थाना, सीएमएचओ कार्यालय समेत कई जगह न्याय की गुहार लगाई लेकिन कहीं पर सुनवाई नहीं होने के बाद गोल्डी के परिजनों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.. मामले में हाईकोर्ट ने 2023 में सुनवाई के बाद अपोलो हॉस्पिटल पर कार्रवाई के निर्देश मिलने पर सरकंडा पुलिस ने अपोलो प्रबंधन और डॉ. देवेंदर सिंह, डॉ. राजीव लोचन भांजा, डॉ. सुनील केडिया और मनोज राय के खिलाफ़ एफआईआर दर्ज किया.. जमानतीय धाराओं में डॉक्टरों पर कार्रवाई कर उन्हें जमानत दे दी गई लेकिन गोल्डी के परिजनों का कहना है कि, एफआईआर प्रबंधन पर भी की गई है उन पर कार्रवाई नहीं की जा रही है, इतना ही नहीं डॉक्टरों पर अपोलो हॉस्पिटल ने कोई कार्रवाई नहीं की है और उन्हें संरक्षण देने का काम कर रही है..
इस पुरे मामले में मृतक गोल्डी छाबड़ा के भाई प्रिंस छाबड़ा ने कहा है कि, डॉक्टरों और अस्पताल प्रबंधन पर कार्रवाई के लिए उनके द्वारा पीएमओ, सीएमओ, मेडीकल कौंसिल समेत दर्जनभर जगहों पर शिकायत की गई है.. उन्हे भरोसा है शासन और प्रशासन की ओर से उन्हें सहयोग मिलेगा और अपोलो हॉस्पिटल प्रबंधन पर कार्रवाई होगी, ताकि ऐसा जान का खिलवाड़ दुसरे मरीजों के साथ न हो सके..