बिलासपुर

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बिलासपुर के द्वारा दिए गए निर्देश पर विवेचकों को दिया गया ई-साक्ष्य ऐप का प्रशिक्षण..

बिलासपुर– नए क़ानून के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय रजनेश सिंह (भापुसे)के द्वारा सख्त निर्देश दिया जा रहा हैं, एवम समय समय पर अधिकारी और कर्मचारियों को इस संबंध में ट्रेनिंग दी जा रही है।इसी क्रम में आज सभी विवेचकों को थानावार ई-साक्ष्य ऐप का इस्तेमाल एवम महत्व की जानकारी दी गई.. विवेचकों को बताया गया कि ई -सक्ष्य ऐप , आपराधिक मामलों में साक्ष्यों को रिकॉर्ड करने और प्रबंधित करने में पुलिस की सहायता करता है।नए नियमों के अनुसार, अगर कोई प्रकरण बीएनएस के तहत दर्ज होता है, तो विवेचक को ई-साक्ष्य एप पर अपना अकाउंट खोलना होगा फिर उसे केस से जुड़े सभी साक्ष्य इस एप पर अपलोड करना होगा, इसमें फोटो, वीडियो आदि सभी कुछ शामिल हो सकते हैं..

यह ऐप भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में डिजिटल परिवर्तन का हिस्सा है, जो नए आपराधिक कानूनों के सफलता पूर्वक कार्यान्वयन के लिए महत्वपूर्ण हैं, इस ऐप पर अपराध होने पर घटनास्थल की फोटो और वीडियोग्राफी की जाती है। तलाशी और सीजर की कार्रवाई की वीडियोग्राफी भी साक्ष्य में शामिल किया जाता है।इन साक्ष्यों को सुरक्षित रखने के लिए ई-साक्ष्य एप पर अपलोड किया जाता हैं ।सात वर्ष से अधिक सजा के मुकदमों के साक्ष्य ई-साक्ष्य एप पर अनिवार्य रूप से अपलोड करना हैं ।हर विवेचक की अपनी आईडी बनाई गई है। इसके साथ ही डिजिटल और दस्तावेज साक्ष्य को ऐप पर अपलोड कर फाइल सुरक्षित की जा रही है..

हर थानों से पुलिस कर्मियों को घटनास्थल पर की जाने वाली वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के बारे में ट्रेनिंग दी गई हैं जिससे की अनावश्यक वीडियो और फोटो अपलोड करने से बचा जा सके.. थानों के निरीक्षण के दौरान, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय ने सभी विवेचकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे प्रत्येक प्रकार की विवेचना में जब्ती की कार्यवाही के दौरान अनिवार्य रूप से ‘ई-साक्ष्य ऐप’ का उपयोग करें, उन्होंने विवेचकों के व्यक्तिगत मोबाइल से पूर्व में ‘ई-साक्ष्य ऐप’ के माध्यम से अपलोड किए गए वीडियो और अन्य डेटा का स्वयं अवलोकन भी किया।राजपत्रित अधिकारी व थाना प्रभारियों को इसकी क्लोज मॉनिटरिंग के सख्त निर्देश दिए हैं..

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