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सिविल लाइन थाना क्षेत्र में फल फूल रहे अवैध कबाड़ के कारोबारी.. कितनी सत्य है चर्चित आरक्षक के संरक्षण की बात?.. कई आएं गए चर्चित आरक्षक आज भी वहीं..

बिलासपुर– जिले में अपराध पर लगाम लगाने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रहार अभियान चलाया जा रहा है, जिसके कारण अपराधियों और अवैध नशे, जुआ सट्टा का व्यापार करने वालों के बीच हड़कंप मचा हुआ है, लेकिन शहर की नाक कहें जाने वाली सिविल लाइन थाना की कहानी कुछ और ही बयां करती है, क्षेत्र में कबाड़ का व्यापार खुलेआम फल फूल रहा है, इतना ही नहीं थाने में पदस्थ आरक्षक इन दिनों जमकर चर्चा में है, विभागीय सूत्रों की माने तो क्षेत्र के सभी कबाड़ का व्यापार करने वाले कबाड़ियों के साथ इनके बेहतर ताल मेल की वजह से कार्रवाई नही हो रही है.. दो दिनो पहले स्वतंत्र आवाज़ द्वारा गाड़ी का कटिंग करते हुए व्यक्ति की फोटो के साथ खबर प्रसारित की गई थी.. खुलेआम गाड़ी काटने वाले कबाड़ी के खिलाफ 48 घंटे बीत जाने के बाद कोई कार्रवाई न होना पुलिस की कार्यकुशलता पर सवालिया खड़ा करता है.. वहीं कबाड़ी के काम का सिलसिला निरंतर जारी है.. 
दबी जुबां में सूत्रों का यह भी कहना है कि, लंबे समय से थाना में पदस्थ आरक्षक का तबादला दूसरी जगह हो गया था लेकिन सेटिंग का ताकत से वह सिविल लाइन थाने वापस आकर अपना दबदबा बनाए रखने में कामयाब है.. क्षेत्र में होने वाली सभी अवैध गतिविधियों पर उसकी नजर रहती है और लेन देन का बड़ा काम उसी के द्वारा किया जाता है.. खुलेआम कबाड़ी की थाने में सेटिंग का दुहाई कबाड़ी दे रहा है इसी का कारण है कि, खड़ी गाड़ी खुलेआम गोदाम के अंदर काटने का साहस कबाड़ी के कर्मचारी करते नजर आ रहे है.. तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है पुरानी गाड़ी को कर्मचारी द्वारा धड़ल्ले से कटर मशीन के द्वारा काटा जा रहा है.. खबर प्रकाशित होने के बाद भी पुलिस प्रशासन और सिविल लाइन थाना प्रभारी के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही, 
सिविल लाइन के वर्तमान थाना प्रभारी एसआर साहू द्वारा क्षेत्र में अपराध को कम करने के लिए जो कार्रवाइयां की है वह सराहनीय है, और क्षेत्र उनके काम का असर भी देखने को मिला है, लेकिन दूसरी ओर लंबे समय से सिविल लाइन थाना क्षेत्र में पुलिस द्वारा कबाड़ियों पर कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई है, इसी का कारण है कि, क्षेत्र के कबाड़ी खुलेआम अवैध गतिविधियों में संलग्न है.. चर्चित आरक्षक कबाड़ियों से सामंजस्य स्थापित कर किसको कितना फायदा पहुंचा रहा है यह भी सोचने वाली बात है..

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