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CGIAM में अधिवक्ताओं और लॉ स्टूडेंट्स के लिए आयोजित हुआ 2 दिवसीय आर्बिट्रेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम.. कम समय में सिविल मामलों के निराकरण के लिए एक्सपर्ट्स ने आर्बिट्रेशन का बताया महत्व..

बिलासपुर– देश की अदालतों में पेंडिंग और सिविल मामलों के तेज निवारण के लिए देश में एडीयार यानि वैकल्पिक विवाद समाधान की व्यवस्था तेजी से बढ़ती जा रही है और वकालत के छात्रों समेत अदालतों में कार्यरत वकीलों को एडीयार के लिए प्रशिक्षित करने सीजीआईएएम (CGIAM) द्वारा दो दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया गया जहां अधिवक्ताओं और लॉ स्टूडेंट्स को एडीआर का गहन जानकारी देते हुए मिडिएशन, आर्बिट्रेशन के महत्व को समझाया गया..

नीति आयोग की अनुसार देश में 3 करोड़ से अधिक मामले पेंडिंग है और उन्हें हल करने में 100 साल से भी अधिक का समय लग सकता है लेकिन सस्ते और तेज न्याय के लिए एडीआर मेथड सबसे उपयुक्त है और देश में लगातार इस मेथड के तहत सिविल के मामलों को हल किया जा रहा है, सीजीआईएएम की डायरेक्टर हमीदा सिद्दीकी ने जानकारी देते हुए बताया कि, अधिवक्ताओं और लॉ स्टूडेंट्स के लिए दो दिवसीय आर्बिट्रेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया गया है ताकि आर्बिट्रेशन में वह अपना कैरियर बना सके, ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए पूरे देश के अलग-अलग शहरों से एक्सपर्ट पहुंचे हुए थे जिसमें मुख्य रूप से ए.जे जवाद चेन्नई, पुलकित तनेजा दिल्ली, प्रोफेसर सूर्या हिदायतुल्लाह यूनिवर्सिटी रायपुर से पहुंचे हुए थे इस दौरान उन्होंने छात्रों और अधिवक्ताओं को आर्बिट्रेशन की जानकारी देते हुए जनता को सस्ते और तेज न्याय दिलाने की जानकारी दी..

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