Uncategorized

यहां सब Safe है क्योंकि सामने ही थाना है और पिछे अवैध मयखाना.. इस लेवल का सरंक्षण?.. प्रहार पर कोनी पुलिस का पलटवार..

बहुत पुरानी कहावत है सैया भए कोतवाल तो डर काहे का, यह कहावत इन दिनों बिलासपुर में चरितार्थ होती नजर आ रही है, पूरे प्रदेश में अवैध मयखानों पर प्रतिबंध लगा हुआ है लेकिन बिलासपुर के कोनी थाना के पीछे दिखाओ रूप से अवैध चकना दुकान या फिर अवैध मयखाना बिंदास चलाया जा रहा है.. शहर के अन्तिम छोर में स्थित कोनी थाना अवैध मायखाने को संरक्षण देने के मामले में चर्चा पर है, 
दो साल पहले भी थाना क्षेत्र से एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें ढाबे का संचालक कोनी पुलिस के संरक्षण में अवैध मयखाने संचालन की बात कर रहा था, एक बार फिर थाने के पीछे खुलेआम शराब अड्डे का संचालन इस बात का गवाह है कि, कोनी थाना में दीया तले अंधेरा है.. जहां एक ओर बिलासपुर एसपी द्वारा प्रहार अभियान के जरिए बड़ी कार्रवाई हो रही है, शहरी और ग्रामीण इलाकों में अपराधियों पर नकेल कसी जा रही है.. वहीं दूसरी ओर कोनी थाना के संरक्षण में चल रहा है यह अवैध मयखाना अभियान पर पलीता लगाने का काम कर रहा है.. विडियो और फोटो के जरिए समझा जा सकता है कि, किस तरह खुले आम पुलिस के संरक्षण में थाने के पीछे ही अवैध चखने का संचालन किया जा रहा है.. 
सरकार बदलते ही प्रशासन ने जिले भर के अवैध चखना सेंटरो पर बुलडोजर की कार्रवाई करते हुए उसे नस्तो नाबूत कर दिया था, लेकिन कोनी थाना का यह चकना सेंटर पुलिस के संरक्षण में लगातार फल फूल रहा है, क्योंकि थाने के चंद मीटर के भीतर खुलेआम मयखाना संचालित करने की हिम्मत कोई नहीं कर सकता है, ऐसे में पुलिस की भूमिका इस मामले में कैसी होगी इस पर सवाल उठना लाजिमी है, अब बड़ा सवाल यह है कि, किस तरह दिलेरी से खुलेआम अवैध चखना संचालक पर कोनी पुलिस स्वयं कार्रवाई करती है या पुलिस के उच्च अधिकारी, संरक्षण देने वाले और अवैध चखना संचालक के खिलाफ कार्रवाई करते हैं..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!