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क्या यही है आम आदमी पार्टी बिलासपुर में दो फाड़ के मुख्य वजह.. प्राथमिक सदस्यता भी नहीं, फिर भी रख रही पूरी दखल अंदाजी.. रेलवे कर्मी की राजनीतिक दखलअंदाजी पर अधिकारियो की नजर..

छत्तीसगढ़ में आम आदमी पार्टी को पूरी ताकत के साथ विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियों में जुट गई है लेकिन छत्तीसगढ़ के दूसरे सबसे बड़े शहर बिलासपुर में आम आदमी पार्टी पूरी तरह दो फाड़ में नजर आ रही है और पार्टी के पदाधिकारियों की माने तो जिस आदमी के पास पार्टी की प्राथमिक सदस्यता भी नहीं है वही पार्टी के भीतर हो रहे उथल-पुथल का मुख्य कारण भी बना हुआ है.. दरअसल आम आदमी पार्टी की प्रदेश संयुक्त सचिव डॉ. उज्जवला कराडे एकला चलो की नीति के साथ पार्टी के पदाधिकारियों को छोड़ अकेले ही अपनी राजनीतिक जमीन को बेहतर करने में लगी हुई है इसे लेकर पार्टी पदाधिकारियों द्वारा नाराजगी भी जाहिर की जा रही है क्योंकि पार्टी किसी एक के चेहरे पर चुनाव नहीं लड़ना चाहती है.. वही डॉ उज्ज्वला कराडे के पति रेलवे में नौकरी कर रहे है पर्दे के पीछे से उज्वला के पूरे काम को संभाल रहे हैं पार्टी के जिला अध्यक्ष गोपाल यादव ने पिछले दिनों चर्चा में बताया था कि जावेद पार्टी के प्राथमिक सदस्य भी नहीं है, लेकिन पार्टी की घर गतिविधियों में उनकी दखलअंदाजी रहती है.. डॉ उज्ज्वला कराडे द्वारा 22 मई से लेकर 27 मई तक बिलासपुर के अलग-अलग क्षेत्रों में पदयात्रा निकाली जा रही है.. 
पार्टी में अकेले बैनर पोस्टर की वजह से पार्टी के सीनियर नेताओं ने भी उनसे किनारा कर लिया है पदयात्रा के बीच बड़ी बात यह देखने को मिले कि डॉ. उज्जवला के रेलवे कर्मी पति जावेद डॉ.  उज्वला की पर्ची बांटते घूम रहे हैं.. एक शासकीय कर्मचारी के राजनीतिक पार्टी में प्राथमिक सदस्यता नहीं होने के बावजूद पार्टी में दखलअंदाजी और चुनावी प्रचार प्रसार कितना सही है इस पर रेलवे के अधिकारी मंथन कर रहे हैं और नियमों को जांच रहे हैं.. लेकिन जानकारों की मानो तो किसी भी राजनीतिक क्रियाकलाप में शासकीय कर्मचारी का संलिप्त होना नियमों के विरुद्ध है ऐसे में रेलवे अब जावेद पर क्या कार्रवाई करती है यह देखने वाली बात होगी और पार्टी में प्राथमिक सदस्यता ना होते हुए भी अपनी उंगलियों पर पार्टी पदाधिकारी को घुमाने वाले पर पार्टी क्या कार्रवाई करती है यह भी सोचनीय है.. लेकिन विधानसभा चुनाव से ऐन वक्त पहले शासकीय कर्मचारी का राजनीतिक दखलअंदाजी को लेकर रेलवे के अधिकारी गंभीर नजर आ रहे हैं और आने वाले दिनों में पार्टी और रेलवे से भी डॉ उज्ज्वला कराडे और उनके रेलवे कर्मी पति की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही है..

स्वतंत्र आवाज़ के लिए विनोद कुशवाहा और शेष यादव की रिपोर्ट

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