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आधी रात बन गए 20 से अधिक राशन कार्ड.. खाद्य विभाग एक बार फ़िर बदनामी की राह पर.. आधिकारी लंबी नींद में.. क्या दुकानदार की तरह प्रभारी पर भी होगी कार्रवाई..?
बिलासपुर का खाद्य एक बार फ़िर से चर्चा का विषय बना हुआ है, राशन कार्ड निर्माण को लेकर विभाग से भ्रष्ट्राचार की तगड़ी बू आने लगी है, दरअसल हाल ही बिलासपुर खाद्य विभाग में राशन कार्ड प्रभारी का जिम्मेदारी संभालने वाले रूपेंद्र बंजारे ने हैरान करने वाली ज़िम्मेदारी निभाई है और दिन भर ऑफीस में काम करने के बाद रातभर जागकर राशन कार्ड बनाने का कारनामा किया है.. स्वतंत्र आवाज़ को मिले दस्तावेज में साफ हो रहा है कि आधी रात में राशन कार्ड बिलासपुर के अलग अलग इलाकों में रहने वाले लोगों का राशन कार्ड बना दिया गया, वो भी सरकारी कंप्यूटर से नही बल्कि प्राइवेट कंप्यूटर से राशन कार्ड निर्माण का काम किया गया है..
लगातार कई दिनों आधी रात में कार्ड निर्माण के साथ साथ राशन कार्ड शाखा प्रभारी बंजारे द्वारा राशन कार्डो में नए नाम जोड़ने का काम किया है, अंधेर नगरी चौपट राजा के तर्ज पर चल रहे खाद्य विभाग में इस तरह का कार्य पहली बार नहीं किया गया है, इससे पहले भी एपीएल राशन कार्डो में छेड़ छाड़ कर बीपीएल राशन कार्ड बनाने का काम भी विभाग द्वारा किया गया था, जिसके बाद दुकानदार को बलि का बकरा बनाकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.. विभागीय अधिकारियों की माने तो सर्वर में दिक्कत की वज़ह से राशन कार्ड का निर्माण आधी रात को किया गया लेकिन सवाल उठना लाजमी है कि, जब दिन में सर्वर का बहाना बनाया जा रहा है तो आधी रात सर्वर कहां से आ जाता है.. इतना ही नहीं राशन कार्ड के काम से खाद्य विभाग पहुंचने वाले लोगों को अलग अलग कारण बताकर हफ्तों चक्कर लगवाने वाले कर्मचारी अचानक चुनिंदा लोगों के लिए अपनी नींद हराम कर आधी रात और छुट्टी के दिनों में कैसे शिद्दत से राशन कार्ड बनाने का काम कर रहे हैं,
बिलासपुर के खाद्य विभाग में गलत तरीके से राशन आवंटन, कार्ड निर्माण और बिना कार्डधारी की जानकारी के एपीएल राशन कार्ड को बीपीएल राशन कार्ड में बदलने का खेल लंबे समय से खेला जा रहा है, इसके बावजूद भी प्रशासन द्वारा कोइ ठोस कार्रवाई न होने की वजह से विभागीय अधिकारी इस मामले में मास्टर हो चुके है, खाद्य नियंत्रक की आईडी को राशन कार्ड प्रभारी ओटीपी लेकर आधी रात धडल्ले से उपयोग कर रहा है ऐसा पहली बार नहीं है इससे पहले भी आधी रात कार्ड निर्माण और खाद्यान्न आबंटन का मामला सामने आ चुका है लेकिन हर बार खाद्य नियंत्रक ख़ुद को बेदाग और कर्मचारियों को खास बनाकर मामले से पल्ला झाड़ लेते है..
हाल ही में राशन कार्ड शाखा की जिम्मेदारी संभालने वाले रूपेंद्र बंजारे का इतिहास भी कुछ इसी तरह का रहा है मुंगेली में भी इनके कारनामों के चर्चे जगजाहिर थी, ऐसे में बिलासपुर आते ही करामात दिखाने वाले राशन कार्ड शाखा के प्रभारी रूपेंद्र बंजारे पर अधिकारी किस तरह से एक्शन लेते हैं या देखने वाली बात होगी या फिर ईमानदारी और कर्तव्य निष्ठा की बात करने वाले अधिकारी दुकानदार की तरह राशन कार्ड प्रभारी पर फिर करते हैं या देखने वाली बात होगी