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एक बार फिर झोलाछाप डॉक्टर की बलि चढ़ गईं महिला.. कुछ दिनों पहले इलाज के दौरान हुई थीं दो भाइयों की मौत.. मुख्य जिम्मेदार कौन झोलाछाप या संरक्षण देने वाला विभाग..?
बिलासपुर के कोटा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले कलमिटार ग्राम पंचायत में एक बार फिर झोलाछाप डॉक्टर के लापरवाही की वजह से एक महिला को जान गंवानी पड़ी है.. दरअसल सर्दी, बुखार का इलाज कर रही महिला को झोलाछाप डॉक्टर सत्यजीत गोल्डार ने गलत इंजेक्शन लगा दिया, जिसकी वजह से महिला को रिएक्शन हो गया और उसे खून की उल्टी होने लगी, आनन फानन में महिला को इलाज के लिए रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था, जहां गंभीर स्थिति में उसका इलाज चल रहा था, लेकिन रिएक्शन इतना ज्यादा हो चुका था कि, इलाज के बावजूद भी महिला ठीक होने के बजाय उसकी मृत्यु हो गई.. मामले के बाद सही झोलाछाप डॉक्टर सत्यजीत गोल्डार क्लीनिक बंद कर फरार हो गया है.. बता दें कि, पिछले ही माह कोटा ब्लॉक के ही खोडरी क्षेत्र में झोलाछाप के इलाज की वजह से दो भाइयों को जान गंवानी पड़ी थी जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग में खाना पूर्ति के लिए झोलाछाप डॉक्टरों पर दिखावटी कार्रवाई की, लेकिन अंदर की सेटिंग के वजह से झोलाछाप डॉक्टर इस कार्रवाई से डरने के बजाय अपना काम करते रहे.. और विभाग की उदासीनता की वजह से महिला को जान गंवानी पड़ी..
यूं तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कार्रवाई को लेकर बड़ी-बड़ी का बातें करते नहीं थकते हैं लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है.. गली मोहल्ला से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक झोलाछाप कुकुरमुत्ते की तरह फैले हुए हैं, इतना हीनहीं बिलासपुर के स्वास्थ्य विभाग कार्यालय के 500 मीटर के अंतर्गत कई झोलाछाप डॉक्टर खुलेआम सक्रिय होकर लोगों का इलाज कर रहे हैं, जल्द ठीक करने की हड़बड़ी में इन झोलाछापों द्वारा इंजेक्शन लगाया जाता है जिसके बाद लोगों के स्वास्थ्य में गंभीर बदलाव देखने को मिलते हैं.. लेकिन हर बार विभाग सेटिंग की वजह से इन पर कार्रवाई करने से डरता है लेकिन जब किसी की मौत हो जाती है तो जिम्मेदार अधिकारी अपनी गलती छुपाने के लिए दो-चार बली के बकरे ढूंढ लेते हैं, और यह सिलसिला फिर से शुरू हो जाता है..