स्वतंत्र अवाज विशेष
सिर पर चढ़ा सफलता का नशा, आचार्य इंस्टीट्यूट के स्टूडेंट्स ने यातायात नियमों की उड़ाई धज्जियां.. कार की खिड़कियों पर लटककर निकाली रैली.. कैमरे से देखकर चालान घर भेजने वाला यातायात करेगा कार्रवाई..
बिलासपुर- सफलता मिलना अच्छी बात है लेकिन सफलता के नशे से दूर रहना उतना ही कठिन, और बात जब शिक्षा की आती हो तो शिक्षकों की जिम्मेदारी और भी अधिक बढ़ जाती है लेकिन बिलासपुर में ठीक इसका उलट देखने को मिला जहां सफलता का नशा प्राइवेट इंस्टिट्यूट के सर चढ़कर बोलने लगा.. इसी नशे में चूर होकर शिक्षकों ने छात्रों को नियम सीखने के बजाय उन्हें नियम की धज्जी उड़ाने के लिए छोड़ दिया.. दरअसल, बिलासपुर के आचार्य इंस्टीट्यूट द्वारा बच्चों के सफल होने के बाद रैली का आयोजन किया गया था लेकिन इस दौरान जमकर लापरवाही प्रबंधन द्वारा देखने को मिली.. रैली के दौरान कर के दरवाजे से छात्र लटकते नजर आए.. वहीं इस रैली में भी इंस्टीट्यूट द्वारा जमकर यातायात के नियमों की धज्जियां उड़ाई गई..
एक ओर बिलासपुर पुलिस द्वारा सामाजिक संगठनों आम जनमानस को लेकर चेतना के तहत जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर इस तरह की लापरवाही कहीं ना कहीं बिलासपुर पुलिस की जन जागरूकता अभियान में पानी फेरने का काम कर रही है यातायात के नियमों के प्रति जागरूक करने और उसका पालन करने के लिए पुलिस और प्रशासन द्वारा चौक चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं जिसमें नियमों की अवहेलना करने वाले लोगों के खिलाफ ऑनलाइन चालानी कार्रवाई भी की जा रही है.. अब देखना होगा कि नियम तोड़ने वालों को कैमरे से देखकर ऑनलाइन चालान भेजने वाली बिलासपुर पुलिस आचार्य इंस्टिट्यूट के खिलाफ क्या कार्रवाई करती है..
मां-बाप अपने बच्चों को सफल होने शिक्षा और संस्कार सीखने के लिए शिक्षण संस्थानों में भेजते हैं जो उन्हें अच्छी शिक्षा प्राप्त होती है लेकिन वहीं से उन्हें नियमों का पालन करना भी सिखया जाता है, जब ऐसे संस्थान बच्चों को खुद नियम तोड़ने के लिए प्रोत्साहित करेंगे, तो फिर आगे जीवन में नियम का पालन करने की सीख उन्हें कौन देगा.. एक बड़ा सवाल यह भी है कि सफलता को दर्शाने के लिए निकल गई रैली और इंस्टिट्यूटो के बीच सफलता का श्रेय लेने की होड़ में अगर कोई दुर्घटना घट जाती तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेता..