छत्तीसगढ़बिलासपुर

शहर में खनिज के अवैध भण्डारण का भंडार, इजाजत किसी को नहीं लेकिन माफियाओं का चल रहा रामराज.. अधिकारी कहते थे समाधान शिविर में फंसे है, अब तक निकल नहीं पाएं..

जिले में दौड़ती अवैध खनिज के भारी वाहनों को रोकने में कांप रहे यातायात के हाथ, दोपहिया वाहनों को पढ़ाया जा रहा नियम का पाठ, नो एंट्री के बावजूद दौड़ रहे भारी वाहन..

बिलासपुर– जिले में खनिजों के अवैध उत्खनन परिवहन और भंडारण पर लगाम लगाने के लिए विभाग द्वारा कार्रवाई तो की जा रही है लेकिन ये कार्रवाई कारगर साबित नहीं हो रही है, दरअसल शहर के सरकंडा क्षेत्र में अशोक नगर से लेकर बिरकोना रोड में रेत और मुरूम का अवैध भण्डारण का भंडार लगा हुआ है, लेकिन अलग अलग कारण बताकर विभागीय अधिकारी कार्रवाई को टालते नजर आते है.. बिलासपुर में अरपा का सीना चीरकर रोजाना हजारों घन मीटर रेत अवैध तरीके से निकाला जा रहा है, सबसे अधिक अवैध उत्खनन बिलासपुर मस्तूरी और कोटा के क्षेत्रों में चल रहा है लेकिन विभाग अब तक उन पर लगाम लगाने में विफल नजर आ रहा है इतना ही नहीं शहर में खनिज के भंडारण के लिए किसी भी व्यक्ति ने अनुमति नहीं ली है, लेकिन शहर के किनारे वाले इलाकों में भंडारण का भंडार लगा हुआ है..

अवैध प्लाटिंग करने वालों ने बिना पर्ची अपने प्लाट में हजारों घन मीटर रेत का भंडारण कर रखा है, जबकि भंडारण के लिए खनिज विभाग से परमिशन की जरूरत होती है लेकिन जमीन माफिया खनिज माफिया बन बैठे है, मामले की जानकारी देने और कार्रवाई के संबंध में पूछने पर खनिज अधिकारी रमाकांत सोनी समाधान शिविर में फंसे होने का हवाला देते थे लेकिन समाधान शिविर का समापन हो जाने के बाद भी अधिकारी नींद में नजर आ रहे है, दूसरी ओर शहर में नियमों की अवेहलना कर खनिज (रेत, मुरूम) का भंडारण धड़ल्ले से किया जा रहा है..

दूसरी ओर रेत और मुरूम का अवैध भण्डारण करने वालों पर यातायात विभाग की भी मेहरबानी देखने को मिल रही है शहर में नो एंट्री के बावजूद भी सुबह से लेकर शाम तक रेत से भरे ट्रेलर, ट्रक, ट्रैक्टर और अन्य भारी वाहन धड़ल्ले से दौड़ रहे है.. लेकिन यातायात विभाग दो पहिया और चार पहिया वाहन को चेकिंग के दौरान पकड़ने में मस्त है, इसका प्रमाण कुछ दिनों पूर्व मिला, जब यातयात निरीक्षक नवीन देवांगन अपनी टीम को लेकर सेंदरी मोपका बाईपास पर चेकिंग अभियान चला रहे थे, जहां बड़ी बहादुरी से दो पहिया वाहन चालक को रोककर कानून का कड़ा नियम पढ़ाया जा रहा था, लेकिन भारी वाहनों को देखकर निरीक्षक साहब की हृदय में करुणा का भाव उत्पन्न हो रहा था और नियमों को मरोड़कर उन्हें रास्ता दिया जा रहा था..

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