राजनीति

पुत्र मोह में भूपेश ने पूरी कांग्रेस को सड़कों पर झोंका-अमर अग्रवाल.. भूपेश के बेटे कौन से पद पर, जो कांग्रेस कर रही प्रदर्शन-अमर अग्रवाल..

भ्रष्टाचारियों को बचाने कांग्रेस कर रही जनता को परेशान-अमर अग्रवाल..

 

बिलासपुर– आज जिला भाजपा कार्यालय में  आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए नगर के विधायक पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस बताएं कि, भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल कांग्रेस के किस पद पर है जिस व्यक्ति का कांग्रेस में कोई पद नहीं उसे व्यक्ति के लिए पूरी कांग्रेस प्रदेश में प्रदर्शन कर रही है इसका साफ मतलब है भूपेश बघेल ने पूरी कांग्रेस को पुत्र मुंह में झोंक दिया है..

अमर अग्रवाल ने कहा हमने पहले भी बड़े-बड़े ऐसे उदाहरण देखें हैं जिसमें लोगों ने पुत्र मोह में खुद को भी बर्बाद किया और अपने पूरे साम्राज्य को भी बर्बाद किया भूपेश बघेल इस दिशा में काम करते हुए दिखाई दे रहे हैं, भूपेश बघेल और कांग्रेस भ्रष्टाचारियों को बचाने पूरे प्रदेश की जनता को परेशान कर रही है और साथ ही उनका आर्थिक रूप से नुकसान भी करने जा रही है जो की प्रदेश की जनता स्वीकार नहीं करेगी..

कोल ब्लॉक आवंटन को लेकर कांग्रेस पार्टी और भूपेश बघेल के झूठ का पर्दापाश हो गया है। भाजपा ने पत्रकार वार्ता के माध्यम से तथ्यों एवं दस्तावेज प्रेजेंटेशन के कांग्रेस के झूठ को एक बार फिर बेनकाब किया है, विधायक अग्रवाल ने कहा कि, कांग्रेस चोरी और सीनाजोरी का उदाहरण बार-बार प्रस्तुत कर रही है आप सबको पता होगा कि, अपने शासनकाल के पाँच वर्ष में भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ को दस जनपथ का चारागाह बना दिया था..

उन्होंने ने कहा कि शराब घोटाले, कोयला घोटाले, चावल घोटाले, गोठान घोटाले से लेकर पीएससी घोटाले तक में इसने प्रदेश के संसाधनों को जम कर लूटा था, आज इन घोटालों के आरोपी एक एक कर नप रहे हैं। सभी जेल जा रहे हैं। श्री अग्रवाल ने कहा कि बेवजह जिस तरह अपराधियों के विरुद्ध हो रही कानून सम्मत कार्रवाई को कहीं और मोड़ा जा रहा है, वह दुर्भाग्यजनक और कांग्रेस में हिप्पोक्रेसी का सबसे बड़ा नमूना है।

विधायक अमर अग्रवाल ने कहा कि जब भी आप सभी कॉल ब्लॉक आवंटन और पेड़ कटाई आदि पर सवाल उठाते थे, तो दस जनपथ के दबाव में सीधे तौर पर भूपेश बघेलजी बचाव में आ जाते थे। कहते थे कि कोल ब्लॉक आवंटन का विरोध करने वाले अपने-अपने घरों की बिजली बंद कर दें। सवाल यह है कि अब जब झूठे और बेबुनियाद आरोप लगा कर भूपेशजी अपनी कालिख धोने की कोशिश कर रहे हैं, तो क्या वह अपने घर और राजीव भवन की बिजली बंद करेंगे?

अमर अग्रवाल ने कहा कि यह तथ्य है कि न केवल भूपेश बघेल ने कोल ब्लॉक अशोक गहलोत को आवंटित किया था, बल्कि उससे पहले भी मनमोहन सिंह जी की सरकार में तमाम नियमों को धत्ता बताते हुए छत्तीसगढ़ के कोल ब्लॉक आवंटन की राह आसान की थी। उन्होंने कहा कि साल 2010 में केन्द्र में काँग्रेस की सरकार थी, तब कोयला मंत्रालय और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा हसदेव अरण्य को पूरी तरह से नो-गो जोन घोषित किया गया था। उसे कांग्रेस नीत सरकार के पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने ही सबसे पहले गो एरिया घोषित किया था..

विधायक अमर अग्रवाल ने बताया कि 23 जून 2011 को केन्द्र में कांग्रेस की सरकार रहते ही तारा परसा ईस्ट और कांटे बेसन कोल ब्लॉक को खोलने का प्रस्ताव दिया गया। जब छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार थी, उस वक्त अडानी को दो बड़ी खदानों गारे पेलमा सेक्टर-2 और राजस्थान में केते एक्सटेंशन ब्लॉक का ऑपरेटर बनाया गया, इसी तरह भूपेश बघेलजी के मुख्यमंत्री कार्यकाल में ही 16 अक्टूबर 2019 को राज्य सरकार ने पर्यावरण स्वीकृति के लिए सिफारिश भेजी..

31 मार्च 2021 को ओपन कास्ट गारे पेलमा सेक्टर-2, मांड-रायगढ़ कोलफील्ड के लिए हुआ समझौता भी सबके सामने है, इसी क्रम में 19 अप्रैल 2022 को भूपेश बघेल जी के मुख्यमंत्री रहते ही कांग्रेस सरकार द्वारा वन स्वीकृति स्टेज-1 और 23 जनवरी 2023 को वन स्वीकृति स्टेज-2 के लिए सिफारिश भेजी गई..

उन्होंने यह भी कहा कि, महाजेंको कोल फील्ड की स्वीकृति में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की संलिप्तता को लेकर तब अनेक अखबारों ने समाचार भी प्रकाशित किए थे, 25 मार्च 2022 को भूपेश सरकार ने राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार के रहते राजस्थान को कोल माइंस का आबंटन किया था..

प्रेस वार्ता में विधायक अमर अग्रवाल ने  कांग्रेस से सवाल किया कि..

क्या वह मनमोहन सिंह सरकार के समय हुए निर्णयों के लिए आज माफ़ी मांगेंगे?

क्या भूपेश बघेल यह घोषणा करेंगे कि अब कांग्रेस कभी बिजली का उपयोग नहीं करेगी, क्योंकि स्वयं यह कह चुके हैं कि विरोध करने वाले अपने घर की बिजली बंद कर दें।

क्या कांग्रेस हर अपराधी के पक्ष में ऐसे ही खड़ी होगी, जैसे आज पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे के लिए हुई है?

विधायक अमर अग्रवाल ने कहा कि, जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार रही तब राजस्थान के तत्कालीन मंत्री बी डी कल्ला ने भूपेश बघेल को पत्र लिखा और राजस्थान के तत्कालिक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक सप्ताह के भीतर कई पत्र लिखे कोल ब्लॉक आंबटन के लिए। जिसे छत्तीसगढ़ और देश की जनता ने देखा है..

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