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रसूख का रुतबा या संरक्षण का शिखर?.. खुलेआम दुकानदार की अफरा तफरी को खाद्य विभाग की अनदेखी.. चावल तिहार का दुकानदार कर सकते है बंटाधार..
बिलासपुर– जिले में बड़ी संख्या में पीडीएस चावल की अफरा तफरी करने का मामला सामने आता रहा है, दुकानदार से लेकर तारबाहर क्षेत्र के दाढ़ी वाले दलाल तक, गरीबों के राशन पर डाका डालने का काम कर रहे है, जिले में शासकीय उचित मूल्य दुकान के संचालक के पीछे दलाल संरक्षण के रूप में खड़े हुए है, बावजूद इसके विभागीय अधिकारी इन्हें रोकने में नाकाम नजर आ रहे है.. दलालों का प्रभाव इतना हावी है कि, क्षेत्र की जिम्मेदारी निभाने वाले शासकीय कर्मचारी खबर प्रकाशन के बाद जांच बाद में करते है और खबर को लेकर चर्चा पहले करते है, ऐसे में कैसे उम्मीद लगाई जाएं कि, गरीबों के राशन पर डाका डालने वालों को रोका जा सकेगा..
बीते दिनों शहर के कुदूदंड में स्थित शासकीय उचित मूल्य दुकान के अवकाश के दिन पीडीएस चावल को ऑटो में भरकर ठिकाने लगाने की खबर प्रकाशित की गई थी, और इस तारतम्य में बिलासपुर खाद्य नियंत्रक को फोन लगाया गया था लेकिन उनसे संपर्क नहीं हुआ था, दूसरी ओर मामले की जानकारी होने के बाद भी विभागीय जिम्मेदारों ने कार्रवाई तो दूर की बात है जांच करना तक जरूरी नहीं समझा, जांच के मुद्दे पर बिलासपुर के खाद्य निरीक्षक मंगेश कांत से बात की गई तो उन्होंने समाधान शिविर में होने की बात की, वहीं बिलासपुर शहर के सहायक खाद्य अधिकारी के पद पर पदस्थ अजय मौर्य से इस संबंध में जानकारी लिया गया तो उन्होंने किसी प्रकार की जांच न करने की बात कही..
सोचने वाली बात है कि, जनता तक शासन की योजनाएं पहुंचे इसके लिए सरकार द्वारा समाधान शिविर लगाया जा रहा है.. जिसमें सुबह से लेकर शाम तक अधिकारी शिविर में जाने की बात करते है, दूसरी ओर खुलेआम दुकानदार दलालों के दम पर चावल की अफरा तफरी करने में लगे हुए है, उस पर विभाग आंख बंद कर लेता है, ऐसे में सवाल उठता है कि, क्या सिर्फ, शासन की नजरों और जनप्रतिनिधियों के सामने ईमानदार दिखने के लिए काम किया जा रहा है? चावल की अफरा तफरी और खरीद फरोख्त रोकने के लिए अधिकारी कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे है..
कुछ माह पूर्व बिलासपुर के तत्कालीन कलेक्टर अवनीश शरण द्वारा चावल की अफरा तफरी और खरीद फरोख्त की खबरें सामने आने के बाद खाद्य नियंत्रक अनुराग भदौरिया को फटकार लगाई थी, और ऐसे लोगों के खिलाफ खाद्य नियंत्रक को कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए थे, पर कुछ दिनों तक तो विभागीय अधिकारी मुस्तैद रहें, लेकिन एक बार आशीर्वाद और संरक्षण का खेल शुरू हो गया.. पिछले कुछ दिनों में लगातार दुकानदारों के खरीद फरोख्त की खबरें मीडिया में संचालित हुई लेकिन विभाग ने कोई कड़ी कार्रवाई इस ओर नहीं की है..
जून माह में प्रशासन चावल तिहार मनाने जा रहा है, जिसके तहत बीपीएल एपीएल राशनकार्ड हितग्राहियों को जून जुलाई और अगस्त माह का चावल एकमुश्त दिया जाएगा, और अन्य खाद्य साम्रगी हर माह के आधार पर वितरित की जाएगी.. हितग्राहियों के पास बड़ी मात्रा में एकमुश्त चावल आयेगा, जिससे वे अगले तीन माह तक अपने परिवार का भरण पोषण कर सकेंगे, दूसरी ओर हितग्राहियों पर दबाव बनाकर चावल की जगह पैसे देने वाले दुकानदारों के लिए गोल्डन चांस साबित हो सकता है हालांकि सूत्रों की माने तो एकमुश्त चावल की वजह से पीडीएस चावल की अफरा तफरी के बाजार में कीमत कम हो गई है, जो पहले दुकानदार पहले हितग्राहियों को 22 से 25 रुपए प्रति किलो की दर से दे रहे थे वह अब 18 से 20 के बीच पहुंच गया है..