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चावल तिहार के पहले शासकीय उचित मूल्य दुकानों की तैयारी.. पीडीएस चावल के खरीद फरोख्त में गिरे दाम, जनता को नुकसान.. विभाग की नींद से दुकानदारों और दलालों की कटेगी चांदी?.. पीडीएस चावल की अफरा तफरी रोकने नहीं है कोई तैयारी..
बिलासपुर– छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गरीबों का पेट भरने के लिए महत्वाकांक्षी योजना चला रही है जिसके तहत शासकीय उचित मूल्य की दुकान के जरिए सस्ती कीमत पर खाद्यान्न सामग्री उपलब्ध कराया जाता है, इतना ही नहीं शासन द्वारा 1 जून से प्रदेशभर में चावल त्यौहार मनाया जा रहा है जिसके तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले बीपीएल परिवार और सामान्य परिवारो को तीन माह यानि जून जुलाई और अगस्त का चावल एकमुश्त प्रदान किया जाएगा, इसके लिए शासन स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी गई है.. इतना ही नहीं चावल भंडारण सुनिश्चित करने के लिए दुकानदारों निर्देशित भी कर दिया गया है, लेकिन शासन के एकमुश्त चावल देने की घोषणा के बाद दलालों और अफरा तफरी करने वाले दुकानदारों में गजब का माहौल है, स्थानीय सूत्रों की माने तो पीडीएस दुकान संचालक ने ग्राहकों से चावल खरीदने की कीमत को गिरा दिया है, जो चावल 22 रुपए की कीमत से खरीदा जा रहा था उसका मार्केट रेट 19 रुपए लिया जा रहा है,
एकमुश्त चावल की घोषणा के बाद से दलालों के बीच जमकर उत्साह का माहौल है क्योंकि विभागीय उदासीनता और अधिकारियों की कुंभकर्णीय नींद की वजह से कार्रवाई को लेकर संशय का स्थिति बनी हुई है, बता दे कि, पीडीएस चावल के खरीद फरोख्त के कई मामले पिछले कुछ दिनों में मीडिया के जरिए उजागर किए गए है लेकिन दुकानदारों की रसूख और विभागीय सेंटिंग की वजह से किसी भी दुकानदार पर कार्रवाई नहीं की गई है, इतना ही नहीं, जांच के नाम पर अधिकारियों का दल दुकानों में तो जरूर पहुंचा लेकिन कोई ठोस कार्रवाई करते हुए दिखाई नहीं दिया, दूसरी ओर शहर की जिम्मेदारी संभालने वाले अपनी दूसरों पर जिम्मेदारी डालकर जांच में नहीं होने की बात करते है,
पूरे जिले में पीडीएस चावल के खरीद फरोख्त और उसे ठिकाने लगाने का धंधा जमकर फल फूल रहा है बीते दिनों स्वतंत्र आवाज़ द्वारा शहर के कुदुदंड में स्थित दुकान नर्मदा प्रा. सह. उ. भंडार के संचालक द्वारा चावल की अफरा तफरी की खबर प्रकाशित की गई थी, लेकिन उसके बावजूद खाद्य विभाग के अधिकारियों के कानो में जूं तक नहीं रेंगी, दुकान संचालक द्वारा अवकाश के दिन मौका पाकर पीडीएस के चावल को दुकान से निकालकर बाजार भेजा और दूसरे राउंड में जैसे ही फिर पीडीएस के चावल को पलटी करने का काम शुरू तो उसकी यह करतूत कैमरे में कैद हो गई, इस दौरान दुकानदार की नजर कैमरे में पड़ गई, फिर क्या था, संचालक और उसके कर्मचारियों ने दुकान का दरवाजा फुर्ती के साथ बंद कर दिया..
विभाग द्वारा चावल त्यौहार में एकमुश्त राशन बांटने की व्यवस्थाओं को पूरा तो कर लिया है लेकिन गरीबों के चावल की अफरा तफरी रोकने और उसे करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की कोई ठोस रणनीति नहीं बनाई गई है, रसूख और अभय के दम पर दुकानदार खुले आम अपनी मनमर्जी चलाते है, इतना ही नहीं चावल लेने दुकान तक पहुंचने वाले हितग्राहियों पर दबाव बनाकर नगदी ले जाने के लिए मजबूर करते है.. देखने वाली बात होगी कि, शासन द्वारा जनता के लिए जो चावल एकमुश्त दिया जाने वाला है वो जनता तक पहुंचता है या दलालों और दुकानदारों की वजह से राइस मिलो और अन्य जगहों तक..