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पीडीएस का चावल गाड़ियों में भरकर पहुंच रहा राइस मिल.. सब गोलमाल है, खाद्य विभाग जान कर भी अंजान है.. जनता के हिस्से का अनाज, डाकेमारी में कौन कौन शामिल?..

बिलासपुर– छत्तीसगढ़ राज्य में शासन द्वारा प्रदेश के गरीब और सामान्य परिवार के सदस्यों का पेट भरने के लिए सस्ती कीमत पर खाद्यान्न सामग्री उपलब्ध कराया जाता है.. जिन्हें शहर समेत ग्राम पंचायतों में उचित मूल्य दुकान के जरिए जनता तक पहुंचाया जा रहा है, लेकिन गरीबों के हक के राशन पर डाका डालने के लिए पूरी लॉबी लगी हुई है.. सिंडिकेट के जरिए बिलासपुर में पीडीएस के चावल को बाजार तक पहुंचाया जा रहा है.. इस सिंडिकेट में दुकानदारों से लेकर गल्ला व्यापारी, दलाल समेत अब राइस मिलर भी शामिल हो गए है.. पीडीएस के चावल की अफरा तफरी का वीडियो सामने आया है जहां शहर से पीडीएस चावल को प्लास्टिक बोरे में भरकर बिल्हा के राइस मिल में पलटी किया जा रहा है.. जानकारी के मुताबिक आज सुबह करीब 11 बजे शहर के किसी ठिकाने से लेकर माल वाहक गाड़ी क्रमांक W 7717 में पीडीएस का चावल भारी मात्रा में भरकर निकला और शहर के महाराणा प्रताप चौक होते हुए नया बस स्टैंड, चकरभाठा के रास्ते बिल्हा स्थित शिवम राइस इंडस्ट्री के भीतर चला गया है.. विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक के मुताबिक गाड़ी में  चर्चित दलाल द्वारा पीडीएस चावल को राइस मिलर को अफरा तफरी के लिए दिया गया है..
पीडीएस चावल की अफरा तफरी में राइस मिलर की भूमिका को संदिग्ध माना जा रहा है क्योंकि कुछ वर्षों पूर्व भी क्षेत्र के बड़े और रसूखदार राइस मिलर पर मिल में छापेमार कार्रवाई की गई थी, जहां से बड़ी मात्रा में पीडीएस का चावल बरामद किया गया था, इस मामले में राइस मिलर के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया था, एक बार फिर राइस मिल में पीडीएस चावल भरी गाड़ी का अंदर जाना पीडीएस चावल की बड़ी अफरा तफरी की ओर इशारा करता है.. अब इस मामले में खाद्य विभाग और स्थानीय पुलिस किस तरह से कार्रवाई करती है वह देखने वाली बात है.. लेकिन जिले में जिस तरह से पीडीएस चावल की अफरा तफरी की जा रही है वह किसी बड़े सिंडिकेट के संचालित होने की इशारा करता है..
विभागीय जानकारों की मानें तो, शहर में राशन के बदले नगदी की दुकान चलाने वाले दुकानदार जनता को चुना लगाकर  बीपीएल और एपीएल राशनकार्ड धारकों के हिस्से का चावल एकत्रित कर दलालों के माध्यम से राइस मिलरो को पलटी किया जा रहा है.. पीडीएस चावल को पूरे चक्र में घूमाने के बाद उसे फिर से बाजार में अधिक कीमत पर बेचने के लिए पूरा सिंडिकेट काम कर रहा है, शासन द्वारा चलाएं जा रहे महत्वाकांक्षी योजना को रेलने का काम खाद्य विभाग के अधिकारी जमकर कर रहे हैं.. चावल और अन्य खाद्य साम्रगी जनता तक पहुंचाने की जिम्मेदारी खाद्य विभाग में पदस्थ अधिकारी और निरीक्षको की होती है..
जिले में खाद्य नियंत्रक और अलग अलग ब्लॉक में खाद्य निरीक्षको की पदस्थापना की जाती है, लेकिन जिस तरह बिलासपुर जिले में पीडीएस चावल की अफरा तफरी हो रही है, दुकानदारों द्वारा नगदी की दुकान चलाई जा रही है दलालों का विभाग में दखल चल रहा है, इसकी वजह से जनता का राशन उसकी थाली में न जाकर मुनाफे का पैकेट बनकर दलालों और राइस मिलरो की जेब में जा रहा है.. ऐसे में जिस अफरा तफरी को रोकने और कार्रवाई करने की जिम्मेदारी विभागीय अधिकारियों की है, लेकिन वे तो उदासीनता की लंबी नींद में सो रहे है, ऐसे में शासन की योजना को चपत लगाने वाले को कौन रोकेगा..

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