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चावल के बजाएं नगदी ले जाओ, भौतिक सत्यापन की आड़ में दुकानदारी.. दुकान में बैठकर चर्चित चेहरा दे रहा खेल को अंजाम.. पैसा लेकर महंगा चावल खरीदने को मजबूर हितग्राही..


बिलासपुर– छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर करने वाले लोगो को मुफ्त में चावल और सस्ती दर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराने का किया जा रहा है लेकिन दुकानदारों द्वारा जनता के चावल पर निशाना साधकर उसकी अफरा तफरी की जा रही है, बिलासपुर जिले समेत प्रदेशभर में इन दिनों शासकीय उचित मूल्य दुकान का भौतिक सत्यापन का कार्य किया जा रहा है, जिसके तहत दुकानों के लिखा जोखा की जांच अधिकारियों द्वारा मौके पर पहुंचकर की जा रही है, एक माह पूर्व ही इन दुकानदारों को भौतिक सत्यापन की जानकारी दे दी गई थी, जिसके बाद संचालकों द्वारा स्टॉक रिकॉर्ड को दुरुस्त करने का काम किया जा रहा है, लेकिन इस दौरान शहर के कई राशन दुकान संचालक इस बात का भरपूर फायदा उठा रहे है.. जांच के नाम पर खाद्यान्न सामग्री बांटना छोड़कर इसका पैसा दिया जा रहा है.. इस वजह से राशन लेने वालों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है, दरअसल रिकॉर्ड दुरुस्त करने शहर के कई शासकीय उचित मूल्य के संचालकों द्वारा चावल के बदले थंब लगाकर 21-22 रुपए किलो के हिसाब से हितग्राही को पैसा दे रहे है, और हितग्राहियों के चावल मांगने पर आबंटन नहीं आने का बहाना दे रहे है, ऐसे में गरीब लोगों को मजबूरी में चावल का पैसा लेकर बाजार से अधिक कीमत में राशन खरीदना पड़ रहा है, 

भौतिक सत्यापन के कार्य का दुकानदार दो तरह से लाभ उठा रहे है एक तो चावल के जगह अंगूठा लगवाकर कर जबरिया पैसे दे रहे है, दूसरी ओर दुकान में अंतर को कम कर आबंटन रिकॉर्ड दुरुस्त करने का कार्य भी कर रहे हैं, इस दौरान शहर के एक दुकान का पूर्व विक्रेता और नामी दलाल एक्टिव है, जो चावल की अफरा तफरी कर रहा है, तालापारा भारत चौक में पूर्व में दुकान का संचालन करने वाले मास्टरमाइंड पर पूर्व में एपीएल राशन कार्ड को जबरिया ग्राहक की जानकारी के बिना बीपीएल में बदलकर लंबे समय तक चावल डकारने के मामले में कार्रवाई भी झेल चुका है, इतना ही नहीं दुकान में बैठकर आसपास के दुकानों के चावल को एकत्रित कर उनकी अफरा तफरी करने का काम भी इसके द्वारा किया जा रहा है..
ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि, पूर्व समय में शासन को चूना लगाकर एपीएल राशनकार्डो को बीपीएल राशनकार्डो में बदलने का खेल खेलने वाले पर लगाम क्यों नहीं लगाई जा रही है, यह चर्चित व्यक्ति दुकान में बैठकर आसपास के क्षेत्रों का राशन बड़ी मात्रा में दुकानदारों से एकत्रित कर बाजार में आसानी से खफा रहा है इसके पीछे किसका संरक्षण है, कुछ दिनों पहले यह चर्चित नेता विज्ञापन के जरिए खुद को एक पार्टी का नेता साबित किया था, जिसमें हालही में चुनाव जीतने वाले जनप्रतिनिधि की बड़ी सी तस्वीर भी लगी थी, क्या राजनीतिक रसूख और संरक्षण का लाभ लेकर शहर में पीडीएस चावल की अफरा तफरी का काम इसके द्वारा किया जा रहा है, विभाग किस तरह से इस पर लगाम लगाता है यह देखने वाली बात होगी..

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