स्वतंत्र अवाज विशेष
इधर मिला कॉप ऑफ द मंथ उधर थाने में लगे मुर्दाबाद के नारे.. लगातार हो रहा थानों का घेराव, मुकदर्शक बनती पुलिस.. पुलिसिंग पर उठते सवाल..
डेस्क- बिलासपुर शहर में पुलिसिंग शायद पूरे प्रदेश में सबसे मुश्किल पुलिसिंग में से एक है.. पुलिस की लाख कोशिशों के बाद भी शहर में गैंगवार की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है.. वही अब थानों के घेराव का नया ट्रेंड भी शुरू होता दिखाई दे रहा है.. बिलासपुर जिले के थानों की कार्यशैली अधिकारियो की मामलों को लेकर गंभीरता और थानों में मुर्दाबाद के नारों की वजह से बिलासपुर पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.. बीते दिन सिविल लाइन थाना क्षेत्र में मॉल के सामने हुई मारपीट की घटना के बाद से ही थाने का घेराव और नारेबाजी चल रही है ऐसे में कॉप ऑफ द मंथ का इनाम पाने वाले थाना प्रभारी के मुर्दाबाद के नारे थाना परिसर में लगना बहुत सारे सवालों को पैदा करता है..
कोतवाली में नगर निगम कर्मचारियों, सिविल लाइन में युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और समाज, रतनपुर सामाजिक और स्थानीय संगठनों, तारबाहर में व्यापारियों द्वारा धरना देने और पुलिस और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी के दृश्य देखने को मिल चुके हैं.. मौके पर आला अधिकारियों की उदासीनता घंटो तक घेराव और नारेबाजी का अड्डा थाने को बना देती है, जिससे पुलिस अधिकारियो और थाना प्रभारियों की जमकर फजीहत भी होती है लेकिन मौके पर हालात को संभालने के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया जाता है.. ऐसा ही नजारा बीते 2 दिनों से बिलासपुर पुलिस की नाक कहे जाने वाले सिविल लाइन थाने में देखने को मिल रहा है जहां मारपीट की घटना के बाद बीती रात युवा कांग्रेस द्वारा प्रदर्शन किया गया और आज समाज विशेष द्वारा सरकार, मुख्यमंत्री, थाना प्रभारी और पुलिस अधीक्षक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई..
दूसरी ओर बिलासपुर पुलिस अधीक्षक द्वारा जिले में निजात अभियान को लेकर पूरी ताकत झोंक दी गई है लेकिन शहर में लगातार होते गैंगवार आपसी रंजिश की घटनाएं पुलिस के लिए अभी भी अबूझ पहेली बनी हुई है.. आए दिन सरेराह एक गुट द्वारा दूसरे पर हमला करना, बदले की भावना से मारपीट और वर्चस्व की लड़ाई के मामले देखने को मिल रहे हैं, लेकिन ठोस कदम न उठाएं जाने की वजह से इस तरह की घटनाएं खत्म होने का नाम नहीं ले रही है.. मुख्य कड़ी तक ना पहुंचने की वजह से शहर के चौक चौराहों में इस तरह की घटनाएं लगातार होती दिखाई दे रही है, इसके अलावा कई मामले में तो आरोपियों द्वारा कैमरे के सामने ही 302 आरोपियों के छुपे होने की जगह बता दी जा रही है.. बाहरहाल बिलासपुर पुलिस इन दिनों निजात अभियान के जरिए नशे पर तो काबू पाने में सफल नजर आ रही है, लेकिन वर्चस्व की लड़ाई में लगातार हो रहे सिर फुटव्वल को रोकने में नाकाम भी नजर आ रही है.. इसका असर थाना घेराव, सरकार, पुलिस अधिकारियों के खिलाफ लगते नारों में भी दिखाई देते हैं..
स्वतंत्र आवाज़ के लिए रविंद्र विश्वकर्मा और विनोद कुशवाहा की रिपोर्ट